Pooja Vidhi - Offline APP
Artık birden fazla puja kitabı tutmanıza ve doğru zamanda doğru pujayı bulma derdine düşmenize gerek yok. Uygulama, duruma göre ilgili bhajan veya puja'yı sadece düğmeye basit bir tıklama ile hemen çekecektir.
Uygulama, acemilerden uzmanlara kadar herkese Havan ve Sandhya'nın eski Vedik ritüellerini gerçekleştirme yetkisi veriyor. Kullanıcılar Havan'ın süresini ve daha sonra ses çalmaları Mantra ve anlam arasında geçiş yapabildiği için fırsatı seçer.
पूजा-पाठ तो हम सभी करते हैं, लेकिन क्या हमें इसका पूरा फल प्राप्त होता है। क्या हम अनजाने में पूजा पाठ में कुछ गलती तो नहीं कर रहे। जिस प्रकार हर काम के करने की एक विधि होती है एक तरीका होता है उसी प्रकार पूजा की भी विधियां होती हैं हर देवी-देवता, तीज-त्यौहार आदि को मनाने के लिए, अपने ईष्ट-देवता को मनाने की, खुश करने की अलग- अलग विधि हैं, इन्हें ही पूजा-विधि कहा जाता है।.
प्राचीन काल में कुण्ड चौकोर खोदे जाते थे, उनकी लम्बाई, चौड़ाई समान होती थी। यह इसलिए था कि उन दिनों भरपूर समिधाएँ प्रयुक्त होती थीं, घी और सामग्री भी बहुत-बहुत हो्मी जाती सथ्मीधाती स्मीथकंरकी नींकथरवी नींककर ी नींककर ी कींकंराी ाींकचणरकी ाींींकंर ी ाींींककरवी थींी क र ी ाीथी ींींींर उसे नियंत्रण में रखने लिए भूमिए भीतर अधिक जगह रहना आवश्यक था। उस्थिति में चौकोर कुण्ड ही उपयुक्त थे। पर आज समिधा, घी, सामग्री सभी में अत्यधिक मँहगाई के कारण किफायत करनी पड़ती है। ऐसी दशा में चौकोर कुण्डों में थोड़ी ही अग्नि जल पाती है और वह ऊपर अच्छी तरह दिखाई भी नहीं पड़ती। तर तक भर कर भी वे नहीं आते तो कुरूप लगते हैं। .
पूजा-पाठ तो हम सभी करते हैं, लेकिन क्या हमें इसका पूरा फल प्राप्त होता है। क्या हम अनजाने में पूजा पाठ में कुछ गलती तो नहीं कर रहे। जिस प्रकार हर काम के करने की एक विधि होती है एक तरीका होता है उसी प्रकार पूजा की भी विधियां होती हैं हर देवी-देवता, तीज-त्यौहार आदि को मनाने के लिए, अपने ईष्ट-देवता को मनाने की, खुश करने की अलग- अलग विधि हैं, इन्हें ही पूजा-विधि कहा जाता है।.