
भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा।
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Name | Hindi Sanskrit Dictionary |
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Version | 1.3 |
Update | Mar 23, 2024 |
Size | 6 MB |
Category | Education |
Installs | 50K+ |
Developer | Srujan Jha |
Android OS | Android 4.4+ |
Google Play ID | org.srujanjha.hindisanskritdict |
Hindi Sanskrit Dictionary · Description
"भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा।"
इसी ध्येय वाक्य की दिशा में हिंदी शब्दों को संस्कृत में जानने के इच्छुक सुधीजनों को केंद्रित करते हुए मोबाईल एप की दुनियां में प्रथम "हिन्दी-संस्कृत शब्दकोश" तैयार करने का एक लघु प्रयास प्रो. मदन मोहन झा जी की प्रेरणा से संभव हो पाया है। "हिंदी-संस्कृत शब्दकोश" ऐप द्वारा सुधीजन एक क्लिक में अपने समक्ष हिंदी शब्द का अर्थ संस्कृत में जान सकेंगे। उक्त एप वर्णानुक्रम की परिपाटी से युक्त होने के साथ साथ सुविधाजनक एवं सुधीजनों हेतु उपयोगी सिद्ध होगा। इसी आशा और विश्वास के साथ कि मानव सर्वदा अल्पज्ञ है तथा ईश्वर सर्वज्ञ है ।अतः "करकृतपराधं क्षन्तुमर्हन्ति सन्तः" इस अभ्यर्थनापूर्वक सुधीजनों से आग्रह रहेगा कि प्रस्तुत प्रयास में प्रमादवश जो दोष रह गए हैं उनका उल्लेख अवश्य करें ताकि भविष्य में उन दोषों को दूर कर "हिंदी-संस्कृत शब्दकोश" को अधिकाधिक उपयोगी बनाया जा सके। सादर धन्यवाद। इस कार्य में सदा प्रेरित करने वाले गुरुतुल्य आचार्य मदनमोहन झा जी का सदा आभारी हूँ जिनके सत्प्रेरणा से ही आज इस तरप के कार्य को कर पाया । इसको आप तक पहुँचाने में भी आचार्य जी के ही पुत्र श्री सृजन झा का अमूल्य योगदान है । मैं उनका भी सादर आभार व्यक्त करता हूँ ।
संस्कृतमनस्कः
डॉ.मुकेश शर्मा
शिक्षाशास्त्रविभाग केन्दीय संस्कृत विश्वविद्यालय
श्रीरणवीर परिसर जम्मू जम्मूकाश्मीर
इसी ध्येय वाक्य की दिशा में हिंदी शब्दों को संस्कृत में जानने के इच्छुक सुधीजनों को केंद्रित करते हुए मोबाईल एप की दुनियां में प्रथम "हिन्दी-संस्कृत शब्दकोश" तैयार करने का एक लघु प्रयास प्रो. मदन मोहन झा जी की प्रेरणा से संभव हो पाया है। "हिंदी-संस्कृत शब्दकोश" ऐप द्वारा सुधीजन एक क्लिक में अपने समक्ष हिंदी शब्द का अर्थ संस्कृत में जान सकेंगे। उक्त एप वर्णानुक्रम की परिपाटी से युक्त होने के साथ साथ सुविधाजनक एवं सुधीजनों हेतु उपयोगी सिद्ध होगा। इसी आशा और विश्वास के साथ कि मानव सर्वदा अल्पज्ञ है तथा ईश्वर सर्वज्ञ है ।अतः "करकृतपराधं क्षन्तुमर्हन्ति सन्तः" इस अभ्यर्थनापूर्वक सुधीजनों से आग्रह रहेगा कि प्रस्तुत प्रयास में प्रमादवश जो दोष रह गए हैं उनका उल्लेख अवश्य करें ताकि भविष्य में उन दोषों को दूर कर "हिंदी-संस्कृत शब्दकोश" को अधिकाधिक उपयोगी बनाया जा सके। सादर धन्यवाद। इस कार्य में सदा प्रेरित करने वाले गुरुतुल्य आचार्य मदनमोहन झा जी का सदा आभारी हूँ जिनके सत्प्रेरणा से ही आज इस तरप के कार्य को कर पाया । इसको आप तक पहुँचाने में भी आचार्य जी के ही पुत्र श्री सृजन झा का अमूल्य योगदान है । मैं उनका भी सादर आभार व्यक्त करता हूँ ।
संस्कृतमनस्कः
डॉ.मुकेश शर्मा
शिक्षाशास्त्रविभाग केन्दीय संस्कृत विश्वविद्यालय
श्रीरणवीर परिसर जम्मू जम्मूकाश्मीर