वाहेगुरु सिमरन ध्यान का एक रूप है जिसमें व्यक्ति भगवान के नाम के आंतरिक स्मरण में भाग लेता है। सिमरन पर गुरु नानक देव जी द्वारा जोर दिया गया था ताकि लोगों की आत्मा को वाहेगुरु (भगवान) के कंपन के साथ विलय करने में सहायता मिल सके।
कैसे इस्तेमाल करे?:
कृपया सुनने से पहले अपना सिर ढक लें।
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आँखे बंद करके सुनो।