एसोसिएशन ऑफ मिनिमल एक्सेस सर्जन्स ऑफ इंडिया (AMASI) की शुरुआत वर्ष 2003 में एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया (AS1) के एक उपखंड के रूप में की गई थी। संस्थापक अध्यक्ष डॉ. सी. पलानीवेलु के मार्गदर्शन में इस अध्याय ने देश के हर कोने से सदस्यों के साथ अभूतपूर्व विकास किया। अध्याय का मुख्य उद्देश्य लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्षेत्र में सर्जनों को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है। डॉ. सी. पलानीवेलु न केवल एक असाधारण लेप्रोस्कोपिक सर्जन के रूप में बल्कि एक अच्छे शिक्षक और लेखक के रूप में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हैं। उनके प्रयासों की बदौलत अब तालुका स्तर पर भी लेप्रोस्कोपी की जा रही है। डॉ. सी. पलानीवेलु को भारत में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के प्रसार में उनकी उत्कृष्टता के लिए बी.सी. रॉय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। AMASI में अब 15000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं जो दुनिया के सबसे बड़े मिनिमल एक्सेस सर्जिकल एसोसिएशनों में से एक है।
AMASI कौशल पाठ्यक्रम संचालित करने और योग्य उम्मीदवारों को फेलोशिप प्रदान करने में लगा हुआ है। ये कौशल पाठ्यक्रम शल्य चिकित्सा शिक्षा और मानकों को बनाए रखने के मामले में एसोसिएशन की पहचान बन गए हैं। कौशल पाठ्यक्रम आयोजित करने के अलावा AMASI देश के विभिन्न भागों में क्षेत्रीय CME और कार्यशालाओं का आयोजन भी कर रहा है, जिसमें बुनियादी से लेकर उन्नत सर्जरी का लाइव प्रदर्शन किया जाता है। एसोसिएशन का मुख्य जोर भारत में लेप्रोस्कोपी की पहुंच को बढ़ाना है। यह वास्तव में "मास के लिए MAS" के अपने मिशन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।