- Garud Puran in Hindi.
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Name | गरुड़ पुराण हिंदी में - Garud |
---|---|
Version | 7.0 |
Aktualisieren | 08. Okt. 2023 |
Größe | 5 MB |
Kategorie | Bücher & Nachschlagewerke |
Installationen | 50Tsd.+ |
Entwickler | Hindutva Infotech |
Android OS | Android 4.1+ |
Google Play ID | prem.dev.garudpuran |
गरुड़ पुराण हिंदी में - Garud · Beschreibung
गरुड़ पुराण हिंदी में यहाँ उपलब्ध है।
इस App की सहायता से आप गरुड़ पुराण पढ़िए घर पर और पुण्य के भागी बने ।
Einige Funktionen der App:-
गरुड़ पुराण हिंदी में - Garud Puran auf Hindi
★ Vollständig Offline-Inhalte. Kein Internet zum Lesen nötig
★ Reichhaltiges Leseerlebnis, saubere Inhalte
★ Weniger als 5 MB.
★ Diese App ist in einfacher Hindi-Sprache.
★ Einfache App.
★ Professionell gestaltete, benutzerfreundliche und intuitive Benutzeroberfläche.
★ Einfach zu bedienen.
★ Keine In-App-Käufe. Komplette kostenlose App.
★ Gut für das tägliche Lesen.
★ Keine unerwünschten Anzeigen.
'गरूड़पुराण' में उन्नीस हजार श्लोक कहे जाते हैं, किन्तु वर्तमान समय में उपलब्ध पाण्डुलिपियों में लगभग आठ हजार श्लोक ही मिलते हैं। गरुडपुराण के दो भाग हैं- पूर्वखण्ड तथा उत्तरखण्ड। पूर्वखण्ड में २२९ अध्याय हैं (कुछ पाण्डुलिपियों में २४० से २४३ तक अध्याय मिलते हैं)। उत्तरखण्ड में अलग-अलग पाण्डुलिपियों में अध्यायों की सख्या ३४ से लेकर ४९ तक है। उत्तरखण्ड को प्रायः 'प्रेतखण्ड' या 'प्रेतकल्प' कहा जाता है। इस प्रकार गरुणपुराण का लगभग ९० प्रतिशत सामग्री पूर्वखण्ड में है और केवल १० प्रतिशत सामग्री उत्तरखण्ड में। पूर्वखण्ड में विविध प्रकार के विषयों का समावेश है जो जीव और जीवन से सम्बन्धित हैं। प्रेतखण्ड मुख्यतः मृत्यु के पश्चात जीव की गति एवं उससे जुड़े हुए कर्मकाण्डों से सम्बन्धित है।
सम्भवतः गरुणपुराण की रचना अग्निपुराण के बाद हुई। इस पुराण की सामग्री वैसी नहीं है जैसा पुराण के लिए भारतीय साहित्य में वर्णित है। इस पुराण में वर्णित जानकारी गरुड़ ने विष्णु भगवान से सुनी और फिर कश्यप ऋषि को सुनाई।
पहले भाग में विष्णु भक्ति और उपासना की विधियों का उल्लेख है तथा के उपरान्त प्रायः 'गरूड़ पुराण' के श्रवण का प्रावधान है। दूसरे भाग में प्रेत कल्प का विस्तार से वर्णन करते हुए विभिन्न नरकों में जीव के पड़ने का वृत्तान्त है। इसमें मरने के बाद मनुष्य की क्या गति योनियों में कैसे पाई जा दुख से कैसे प्राप्त सकता है, आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन प्राप्त होता है।
लेखक ➜ वेदव्यास
देश ➜ भारत
भाषा ➜ संस्कृत
श्रृंखला ➜ पुराण
विषय ➜ विष्णु भक्ति
प्रकार ➜ वैष्णव ग्रन्थ
पृष्ठ ➜ १९,००० श्लोक
Das Garuda Purana ist einer von 18 Mahāpurāṇ Texten im Hinduismus. Es ist ein Teil des Vaishnavismus-Literaturkorpus, der sich hauptsächlich um den hinduistischen Gott Vishnu dreht. In Sanskrit verfasst und auch in verschiedenen Sprachen wie Gujarati und Englisch erhältlich. Die früheste Version des Textes mag im ersten Jahrtausend v. Chr. verfasst worden sein, wurde aber wahrscheinlich über einen langen Zeitraum erweitert und verändert.
Der Text von Garuda Purana ist in vielen Versionen bekannt und enthält über 15000 Verse. Seine Kapitel behandeln enzyklopädisch eine sehr vielfältige Sammlung von Themen. Der Text enthält Kosmologie, Mythologie, die Beziehung zwischen Göttern, Ethik, Gut gegen Böse, verschiedene Schulen hinduistischer Philosophien, die Theorie des Yoga, die Theorie von "Himmel und Hölle" mit "Karma und Wiedergeburt", Ahnenriten und Soteriologie, Flüsse und Geographie, Arten von Mineralien und Steinen, Prüfmethoden für Edelsteine auf ihre Qualität, eine Auflistung von Pflanzen und Kräutern, verschiedene Krankheiten und deren Symptome, verschiedene Medikamente, Aphrodisiaka, Prophylaktika, hinduistischer Kalender und seine Grundlagen, Astronomie, Mond, Planeten, Astrologie, Architektur, Hausbau, wesentliche Merkmale eines hinduistischen Tempels, Übergangsriten, Wohltätigkeit und Schenken, Wirtschaft, Sparsamkeit, Pflichten eines Königs, Politik, Staatsbeamte und ihre Rollen und ihre Ernennung, das Genre der Literatur , Grammatikregeln und andere Themen. Die letzten Kapitel besprechen, wie man Yoga praktiziert (Samkhya- und Advaita-Typen), die persönliche Entwicklung und die Vorteile der Selbsterkenntnis.
Schriftsteller ➜ Ved Vyas
Landkreis ➜ Indien
Sprache ➜ Sanskrit
Kette ➜ Puran
Betreff ➜ Lord Vishnu Bhakti
Typ ➜ Vaishnav Granth
Pust ➜ 18,००० Slokhas
Bitte nehmen Sie sich eine Minute Zeit, um unsere App zu bewerten und zu überprüfen.
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'गरूड़पुराण' में उन्नीस हजार श्लोक कहे जाते हैं, किन्तु वर्तमान समय में उपलब्ध पाण्डुलिपियों में लगभग आठ हजार श्लोक ही मिलते हैं। गरुडपुराण के दो भाग हैं- पूर्वखण्ड तथा उत्तरखण्ड। पूर्वखण्ड में २२९ अध्याय हैं (कुछ पाण्डुलिपियों में २४० से २४३ तक अध्याय मिलते हैं)। उत्तरखण्ड में अलग-अलग पाण्डुलिपियों में अध्यायों की सख्या ३४ से लेकर ४९ तक है। उत्तरखण्ड को प्रायः 'प्रेतखण्ड' या 'प्रेतकल्प' कहा जाता है। इस प्रकार गरुणपुराण का लगभग ९० प्रतिशत सामग्री पूर्वखण्ड में है और केवल १० प्रतिशत सामग्री उत्तरखण्ड में। पूर्वखण्ड में विविध प्रकार के विषयों का समावेश है जो जीव और जीवन से सम्बन्धित हैं। प्रेतखण्ड मुख्यतः मृत्यु के पश्चात जीव की गति एवं उससे जुड़े हुए कर्मकाण्डों से सम्बन्धित है।
सम्भवतः गरुणपुराण की रचना अग्निपुराण के बाद हुई। इस पुराण की सामग्री वैसी नहीं है जैसा पुराण के लिए भारतीय साहित्य में वर्णित है। इस पुराण में वर्णित जानकारी गरुड़ ने विष्णु भगवान से सुनी और फिर कश्यप ऋषि को सुनाई।
पहले भाग में विष्णु भक्ति और उपासना की विधियों का उल्लेख है तथा के उपरान्त प्रायः 'गरूड़ पुराण' के श्रवण का प्रावधान है। दूसरे भाग में प्रेत कल्प का विस्तार से वर्णन करते हुए विभिन्न नरकों में जीव के पड़ने का वृत्तान्त है। इसमें मरने के बाद मनुष्य की क्या गति योनियों में कैसे पाई जा दुख से कैसे प्राप्त सकता है, आदि का विस्तारपूर्वक वर्णन प्राप्त होता है।
लेखक ➜ वेदव्यास
देश ➜ भारत
भाषा ➜ संस्कृत
श्रृंखला ➜ पुराण
विषय ➜ विष्णु भक्ति
प्रकार ➜ वैष्णव ग्रन्थ
पृष्ठ ➜ १९,००० श्लोक
Das Garuda Purana ist einer von 18 Mahāpurāṇ Texten im Hinduismus. Es ist ein Teil des Vaishnavismus-Literaturkorpus, der sich hauptsächlich um den hinduistischen Gott Vishnu dreht. In Sanskrit verfasst und auch in verschiedenen Sprachen wie Gujarati und Englisch erhältlich. Die früheste Version des Textes mag im ersten Jahrtausend v. Chr. verfasst worden sein, wurde aber wahrscheinlich über einen langen Zeitraum erweitert und verändert.
Der Text von Garuda Purana ist in vielen Versionen bekannt und enthält über 15000 Verse. Seine Kapitel behandeln enzyklopädisch eine sehr vielfältige Sammlung von Themen. Der Text enthält Kosmologie, Mythologie, die Beziehung zwischen Göttern, Ethik, Gut gegen Böse, verschiedene Schulen hinduistischer Philosophien, die Theorie des Yoga, die Theorie von "Himmel und Hölle" mit "Karma und Wiedergeburt", Ahnenriten und Soteriologie, Flüsse und Geographie, Arten von Mineralien und Steinen, Prüfmethoden für Edelsteine auf ihre Qualität, eine Auflistung von Pflanzen und Kräutern, verschiedene Krankheiten und deren Symptome, verschiedene Medikamente, Aphrodisiaka, Prophylaktika, hinduistischer Kalender und seine Grundlagen, Astronomie, Mond, Planeten, Astrologie, Architektur, Hausbau, wesentliche Merkmale eines hinduistischen Tempels, Übergangsriten, Wohltätigkeit und Schenken, Wirtschaft, Sparsamkeit, Pflichten eines Königs, Politik, Staatsbeamte und ihre Rollen und ihre Ernennung, das Genre der Literatur , Grammatikregeln und andere Themen. Die letzten Kapitel besprechen, wie man Yoga praktiziert (Samkhya- und Advaita-Typen), die persönliche Entwicklung und die Vorteile der Selbsterkenntnis.
Schriftsteller ➜ Ved Vyas
Landkreis ➜ Indien
Sprache ➜ Sanskrit
Kette ➜ Puran
Betreff ➜ Lord Vishnu Bhakti
Typ ➜ Vaishnav Granth
Pust ➜ 18,००० Slokhas
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